Sunday, April 24, 2016



भगवती गीत -      (1)

चलो मैया के मंदिर में..............करें जयकार माता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।

मेरी माता.........बड़ी सोनी..........सलौनी, खूबसूरत है ।
दया - आशीष का सागर..........और ममता की मूरत है ।।
यही तो मूल दाता है................जगत के सारे दाता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।

सुदर्शन और धनुष लेकर............चले ये शेर पे चढ़ कर ।
मदद करती है भक्तों की.......माँ अपने आप ही बढ़ कर ।।
यही अम्बे तो त्राता है................जगत् के सारे त्राता की ।
चलो मैया के मंदिर में................करें जयकार माता की ।।

मेरी मैया, पिता माता...............सखा है और रक्षक है ।
अधर्मी के लिये काली है.............और दुष्टों की भक्षक है ।।
अभय के संग ये बहना...........सुमन संग रूप भ्राता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।

चलो मैया के मंदिर में..............करें जयकार माता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।

रचनाकार - अभय कान्त झा “दीपराज”

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