Wednesday, November 3, 2010

GHAZAL - 54

                 ग़ज़ल

आज दिल के सोज़-ओ-गम आंसुओं में ढहल गए |
ज़िन्दगी  के  मायने  जो  कल  थे  अब बदल गए ||

सर्द  है  ज़हान  बस !  ज़फा - ज़फ़ा - ज़फ़ा - ज़फ़ा,
जो  कल  वफ़ा  के  राग  के जूनून थे वो जल गए ||

कल  जो  लुट  रहा  था  दिल,  लूटता  है  ज़िन्दगी,
तमाद्दनें    बदल    गयीं,     रास्ते     बदल     गए ||

तर  थी  जो  निगाह  कल,   प्यार   की   शराब  से,
वो  ही  जाम  अब  ज़हर  का नाम बन बदल गए ||

बदल  गया   ज़हान   ये,  वक़्त  जो  बदल   गया,
गुजरे   पल   तो   संग-संग   रंग   भी  बदल गए ||

                
                  रचनाकार- अभय दीपराज

No comments:

Post a Comment