ग़ज़ल
आज दिल के सोज़-ओ-गम आंसुओं में ढहल गए |
ज़िन्दगी के मायने जो कल थे अब बदल गए ||
सर्द है ज़हान बस ! ज़फा - ज़फ़ा - ज़फ़ा - ज़फ़ा,
जो कल वफ़ा के राग के जूनून थे वो जल गए ||
कल जो लुट रहा था दिल, लूटता है ज़िन्दगी,
तमाद्दनें बदल गयीं, रास्ते बदल गए ||
तर थी जो निगाह कल, प्यार की शराब से,
वो ही जाम अब ज़हर का नाम बन बदल गए ||
बदल गया ज़हान ये, वक़्त जो बदल गया,
गुजरे पल तो संग-संग रंग भी बदल गए ||
रचनाकार- अभय दीपराज
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