भगवती गीत - (1)
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।
मेरी माता.........बड़ी सोनी..........सलौनी, खूबसूरत है ।
दया - आशीष का सागर..........और ममता की मूरत है ।।
यही तो मूल दाता है................जगत के सारे दाता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।
सुदर्शन और धनुष लेकर............चले ये शेर पे चढ़ कर ।
मदद करती है भक्तों की.......माँ अपने आप ही बढ़ कर ।।
यही अम्बे तो त्राता है................जगत् के सारे त्राता की ।
चलो मैया के मंदिर में................करें जयकार माता की ।।
मेरी मैया, पिता – माता...............सखा है और रक्षक है ।
अधर्मी के लिये काली है.............और दुष्टों की भक्षक है ।।
अभय के संग ये बहना...........सुमन संग रूप भ्राता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।
चलो मैया के मंदिर में..............करें जयकार माता की ।
मेरी मैया विधाता है.................विधाता के विधाता की ।।
रचनाकार - अभय कान्त झा “दीपराज”